इंदौर: योगगुरू वीरसिंह यादव, जो संगमनगर के ज्योति बा फूले उद्यान में योगाभ्यास कराते हैं, पिछले 25 वर्षों से नि:शुल्क योग प्रशिक्षण देकर जनता को स्वस्थ रहने की प्रेरणा दे रहे हैं। उनका उद्देश्य “जन-जन योग, घर-घर योग” के सिद्धांत पर आधारित है, जिससे आमजन को योग के लाभ पहुँचाना है।
योग का विस्तार
श्री यादव, जो श्री कृष्ण बाल योग एवं संस्कार केंद्र के संस्थापक हैं, इंदौर महानगर विकासखंड योग समिति के अध्यक्ष और आरोग्य भारती द्वारका जिला योग संयोजक के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अब तक हजारों साधकों को योगाभ्यास का प्रशिक्षण दिया है और संगमनगर क्षेत्र सहित आसपास के 25 योग प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए हैं।
योग हब बनाने का संकल्प
इंदौर को एक योग हब बनाने की दिशा में श्री यादव लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका motto “चरेवेती चरेवेती”—अर्थात “चलते रहो, चलते रहो”—के साथ उन्होंने योग के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया है।
हास्य योग विशेषज्ञता
श्री यादव न केवल योग के प्रति समर्पित हैं, बल्कि वे एक हास्य योग विशेषज्ञ भी हैं। उन्होंने कई स्कूलों में छात्रों को व्यक्तित्व विकास और मोटिवेशन के लिए योगाभ्यास कराया है, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास और सकारात्मकता का संचार होता है।
सम्मान और पुरस्कार
उनके अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें विभिन्न संस्थाओं और नगरीय प्रशासन से कई सम्मान प्राप्त हुए हैं। यह उनके प्रति समाज की मान्यता और उनके कार्यों की सराहना का प्रतीक है।
निष्कर्ष
योगगुरू वीरसिंह यादव का 25 वर्षों का समर्पित प्रयास इंदौर में योग के प्रचार-प्रसार के लिए एक अद्वितीय उदाहरण है। उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता से न केवल लोग स्वस्थ हो रहे हैं, बल्कि योग की संस्कृति भी सुदृढ़ हो रही है। उनके प्रयासों से इंदौर शहर को एक स्वस्थ और जागरूक समाज की दिशा में बढ़ने का अवसर मिल रहा है।