उज्जैन: सांसद असदुद्दीन ओवैसी के 15 मिनट वाले बयान पर संतों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आह्नान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने ओवैसी को चुनौती देते हुए कहा, “15 मिनट नहीं, हम आपको पंद्रह दिन नहीं, सिर्फ 5 मिनट देते हैं। आप अपनी पूरी तैयारी के साथ आएं, और फिर देखिए, आपकी गंदगी हम साफ कर देंगे।”
संतों ने ओवैसी और उनके जैसे नेताओं पर आरोप लगाया कि वे देश में साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने का काम कर रहे हैं और इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस बयान में, उन्होंने कहा कि ओवैसी का यह बयान भारत की अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है, और इनकी सभाओं पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
नाथ संप्रदाय के संत रामनाथ जी महाराज ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आप 15 मिनट की बात कर रहे हैं, हमारे लिए सिर्फ 5 मिनट काफी हैं। देशभर में नागा संप्रदाय के संत इतने हैं कि 5 मिनट में आपका काम तमाम हो जाएगा। संत एक हाथ में शास्त्र और दूसरे में शस्त्र रखते हैं।”
महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने आगे कहा, “अगर कोई हिंदू इस तरह की टिप्पणी करता, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होती, लेकिन ये लोग बार-बार साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने का काम कर रहे हैं। इन पर एफआईआर होनी चाहिए।”
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब ओवैसी ने महाराष्ट्र के सोलापुर में एक चुनावी सभा के दौरान 15 मिनट का समय लेने की बात की थी, जो बाद में उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के 2012 के विवादित बयान से जुड़ा हुआ था। अकबरुद्दीन ने तब कहा था कि अगर देश से पुलिस हटा दी जाए तो 15 मिनट में मुसलमानों की ताकत का अहसास हो जाएगा।
बीजेपी सांसद उमेशनाथ जी महाराज ने भी संतों के बयान का समर्थन किया, और कहा कि ओवैसी को संतों की ताकत का अंदाजा नहीं है। “किसी के कहने से कुछ नहीं होता, मैदान में आकर देख लें,” उन्होंने कहा।
संतों की इस तीव्र प्रतिक्रिया ने देशभर में इस मुद्दे को लेकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है।