मध्यप्रदेश (MP) में प्रशासनिक पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें राज्य के जिलों और संभागों की सीमाओं को फिर से निर्धारित किया जाएगा। सितंबर 2023 में, राज्य सरकार ने इस उद्देश्य के लिए प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया था। इस पुनर्गठन के तहत मध्यप्रदेश का इंटरनल नक्शा बदलने जा रहा है। तीन नए जिले और एक नया संभाग बनाने की योजना है, साथ ही कुछ तहसीलों को दूसरे जिलों में भी समाहित किया जा सकता है।
इस पुनर्गठन में सबसे बड़ा प्रस्ताव यह है कि निमाड़ क्षेत्र को नया संभाग बनाया जाए। अगर यह योजना लागू होती है तो मध्यप्रदेश में इस बदलाव से प्रशासनिक कार्यों में सुविधा होगी और लोगों को भी अधिक निकटता से सेवाएं मिल सकेंगी।
इसके अलावा, तीन नए जिले भी बनाए जाने की तैयारी है। इंदौर जिले में पीथमपुर को शामिल करने का प्रस्ताव है, जिससे यह क्षेत्र और भी विकसित हो सकेगा। पीथमपुर, जो इंदौर के नजदीक स्थित एक औद्योगिक क्षेत्र है, अब प्रशासनिक रूप से भी इंदौर जिले का हिस्सा बन सकता है।
नई तहसीलें और जिलों का सीमांकन
कुछ नई तहसीलें भी बनाई जाएंगी और कुछ मौजूदा तहसीलों को नए जिलों में शामिल करने का विचार है। यह कदम प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने और लोगों को अधिक सुविधाजनक सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
राज्य सरकार के इस कदम से मध्यप्रदेश की प्रशासनिक कार्यशैली में सुधार होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, इस पुनर्गठन को लेकर कुछ क्षेत्रीय और राजनीतिक विचारधाराओं के बीच मतभेद भी हो सकते हैं।
अब इस पुनर्गठन योजना के क्रियान्वयन में समय लगेगा, लेकिन एक बार यह पूरा हो जाने के बाद, राज्य में एक नया प्रशासनिक ढांचा स्थापित होगा। इस बदलाव से राज्य में आर्थिक, सामाजिक और विकासात्मक स्तर पर भी नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।