भारतीय शेयर बाजार आज (7 अप्रैल 2025) को एक बड़ी गिरावट का सामना कर रहा है, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी बन रही है। ट्रंप ने अपनी व्यापारिक नीतियों के तहत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिसका असर सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर पड़ा है। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा है, और इसका सीधा असर सेंसेक्स और निफ्टी पर देखा जा रहा है।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट: क्या हैं वजहें?
आज के शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 3,900 अंकों से ज्यादा गिरकर 71,449 के आसपास पहुंच गया, जबकि निफ्टी में 1,100 अंकों की गिरावट आई और यह 21,758 के नीचे फिसल गया। इस भारी गिरावट के कारण भारतीय शेयर बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 5% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है, जो कि 4 जून 2024 के बाद सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।
BSE और NSE के मार्केट कैप में बड़ी गिरावट
शुरुआती कारोबार में BSE और NSE लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में भी भारी गिरावट देखने को मिली है। BSE में मार्केट कैप 16.19 लाख करोड़ रुपये तक घट गया, जबकि NSE में यह गिरकर 1.20 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस गिरावट का सबसे बड़ा असर आईटी और मेटल सेक्टर्स पर पड़ा है, जिनमें 7% से अधिक की गिरावट देखी गई।
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और वैश्विक मंदी की आशंका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ पॉलिसी को ‘दवा’ बताते हुए कहा कि कभी-कभी बाजार में गिरावट को ठीक करने के लिए कड़े कदम उठाने पड़ते हैं। उनका यह बयान पूरी दुनिया के निवेशकों को प्रभावित कर रहा है, और इसका असर भारतीय बाजार पर भी देखा जा रहा है।
इसके अलावा, ग्लोबल स्लोडाउन का डर भी बढ़ रहा है। जेपी मॉर्गन ने अमेरिका और पूरी दुनिया में मंदी की संभावना को 60% तक बताया है, जिससे निवेशकों में और भी घबराहट फैल गई है। इस अनिश्चितता का प्रभाव भारतीय शेयर बाजार पर सीधा पड़ा है।
भारतीय बाजार में बिकवाली का माहौल
बीते सप्ताह भी भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में कमजोर प्रदर्शन रहा, और इस सप्ताह के शुरुआती कारोबार में भी बिकवाली का दबाव देखा गया। विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भी बिकवाली कर रहे हैं, जिससे बाजार में और दबाव आ रहा है।
शेयर बाजार पर असर: क्या करना चाहिए निवेशकों को?
अगर आप भारतीय शेयर बाजार में निवेशक हैं, तो इस समय आपको सतर्क रहने की जरूरत है। ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और वैश्विक मंदी के खतरे के कारण बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। इस समय निवेशकों को जोखिमों को ध्यान में रखते हुए निवेश निर्णय लेने चाहिए और किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचना चाहिए।