दूल्हा बनेंगे बाबा, महाशिवरात्रि पर सजेगा सेहरा
उज्जैन

महाशिवरात्रि के पर्व पर देशभर में श्रद्धालु महादेव की पूजा करते हैं, लेकिन उज्जैन के महाकाल मंदिर में एक विशेष परंपरा है। यहां महाशिवरात्रि के पहले 9 दिन, शिव नवरात्रि के रूप में मनाए जाते हैं, जो इस बार 30 साल बाद 10 दिनों तक चलेंगे।
इस बार शिव नवरात्रि का आरंभ 17 फरवरी, सोमवार को पंचमी तिथि से होगा और यह 26 फरवरी को महाशिवरात्रि तक चलेगा। इस अवधि के दौरान महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाएगी। गौरतलब है कि यह विशेष संयोग लगभग 30 साल बाद बना है, क्योंकि इस बार पंचांग के अनुसार सप्तमी तिथि दो दिन रहेगी, जिससे इस बार शिव नवरात्रि 9 की बजाय 10 दिन मनाई जाएगी।
विशेष शश योग बनने के कारण इस बार पूजा का महत्व और बढ़ जाता है। इस योग को शुभ माना जाता है, क्योंकि इसमें शनि केंद्र में होते हैं, जिससे मान्यता है कि इस योग में की गई साधना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी के अनुसार, इस बार भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार 10 दिनों तक होगा। आम तौर पर 9 दिनों तक भगवान महाकाल को रजत आभूषण और चंदन उबटन से सजाया जाता है, लेकिन इस बार विशेष पूजा के कारण भगवान महाकाल का श्रृंगार और भी भव्य होगा। साथ ही, महाशिवरात्रि के दिन बाबा महakal दूल्हा बनेंगे, और उनकी माला में सेहरा सजेगा।
इस विशेष पूजा का उद्देश्य ना केवल भौतिक सुख-संपत्ति प्राप्ति है, बल्कि आध्यात्मिक कल्याण की भी प्राप्ति होगी। महाकाल के भक्तों के लिए यह अवसर अत्यंत लाभकारी और पुण्यकारी माना जा रहा है।
शिव भक्तों के लिए एक विशेष अवसर
इस दशकों बाद बन रहे विशेष ग्रह योग के कारण, शिव नवरात्रि का यह पर्व विशेष महत्व रखता है और सभी शिव भक्तों को इसे श्रद्धा और आस्था के साथ मनाना चाहिए।