शनिवार को हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर एक किसान ने आत्महत्या की कोशिश की। किसान नेता तेजवीर सिंह ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि खन्ना के किसान ने सल्फास (कीटनाशक) निगल लिया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया है, और किसान संगठनों की एक टीम अस्पताल जा रही है ताकि मामले की पूरी जानकारी ली जा सके।
पुलिस कार्रवाई और किसान आंदोलन:
इस घटना के बाद, शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन और तेज हो गया। हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिसके कारण कई किसान घायल हो गए। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। पुलिस ने इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया कदम बताया है, लेकिन किसानों का आरोप है कि उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
दिल्ली मार्च पर भेजा गया दल वापस बुलाया गया:
किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली मार्च की तैयारी कर रहे किसानों पर हुई पुलिस कार्रवाई के बाद, दिल्ली मार्च पर भेजे गए किसान नेताओं का दल वापस बुला लिया गया है। पुलिस की इस कार्रवाई से किसान संगठनों में गुस्सा है, और उनका कहना है कि सरकार उनके आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है।
किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। किसानों का कहना है कि उनके मुद्दों पर कोई ठोस कदम उठाए बिना यह संघर्ष जारी रहेगा।
किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि:
किसान पिछले कुछ समय से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी और अन्य समस्याओं का समाधान शामिल है। शंभू बॉर्डर पर चल रहे इस आंदोलन ने क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है।
किसान नेता तेजवीर सिंह ने इस घटना को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि यह किसानों के उत्पीड़न और उनके संघर्ष की स्थिति को और बढ़ाता है।