नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पराली जलाने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए जुर्माना राशि को दोगुना करने का निर्णय लिया है। यह कदम विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य उत्तरी राज्यों में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है, जहां हर साल मौसम परिवर्तन के साथ बड़े पैमाने पर पराली जलाने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना कर दिया है, ताकि पराली जलाने की समस्या को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सके। अब जुर्माना राशि को बढ़ाकर ₹5,000 से ₹30,000 तक कर दिया गया है, जो ज़मीन के आकार के आधार पर निर्धारित किया गया है:
- 2 एकड़ से कम ज़मीन पर: ₹5,000 का जुर्माना
- 2 से 5 एकड़ तक ज़मीन पर: ₹10,000 का जुर्माना
- 5 एकड़ से अधिक ज़मीन पर: ₹30,000 का जुर्माना
यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद लिया गया है, खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में पराली जलाने की बढ़ती समस्या के मद्देनजर। इन राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवंबर तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी 23 अक्टूबर की सुनवाई में पराली जलाने से निपटने के लिए केंद्र और संबंधित राज्यों से ठोस कदम उठाने की अपील की थी। कोर्ट ने खासतौर पर पंजाब और हरियाणा की सरकारों की कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त किया और कहा था कि यह महज दिखावा है। अदालत ने यह भी कहा कि अगर सरकारें इस समस्या को गंभीरता से लेती हैं, तो उन्हें जिम्मेदारी से कार्रवाई करनी चाहिए, जैसे कि मुकदमे चलाने या अन्य प्रभावी उपायों को लागू करना।
इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी कहा था कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है और प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर सरकारों को जागरूक किया।
केंद्र सरकार ने अब इन जुर्माना दरों के जरिए इस समस्या को हल करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।