जबलपुर: प्रयागराज में महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में पहुंचने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं ने रेलवे की चिंता को बढ़ा दिया है। महाकुंभ में आने वाले दिनों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जिसके लिए रेलवे को अतिरिक्त ट्रेनों की आवश्यकता महसूस हो रही है। लेकिन, ट्रैक और समय की सीमितता के कारण रेलवे ने एक नया तरीका अपनाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत एक ट्रेन के पीछे उसी नंबर की दूसरी ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई है।
यह व्यवस्था इसलिए लागू की जाएगी क्योंकि रेलवे के पास अतिरिक्त ट्रैक की सुविधा नहीं है और न ही ट्रेनों के समय में बदलाव करना संभव है। इसके तहत, एक ही रूट पर दो ट्रेनें एक साथ चलेंगी। यह उपाय यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालने के लिए किया जा रहा है, ताकि एक ट्रेन में यात्रियों की अधिकतम संख्या से अधिक लोग यात्रा न कर सकें।
नई व्यवस्था के तहत ट्रेन संचालन:
प्रयागराज मंडल के सीमांत क्षेत्रों जैसे जबलपुर, कटनी, मैहर, और सतना स्टेशनों पर यह व्यवस्था लागू की जाएगी, जहां से प्रयागराज रूट से जुड़ी ट्रेनों में बढ़ती भीड़ पर नजर रखी जाएगी। जब भी किसी ट्रेन में निर्धारित क्षमता से अधिक यात्री होंगे, उसी नंबर की एक दूसरी ट्रेन तुरंत उसके पीछे चलानी जाएगी। इस व्यवस्था से यात्रियों को जनरल टिकट पर यात्रा करने की सुविधा भी मिलेगी।
रेलवे बोर्ड ने सभी रेल मंडलों को एक अतिरिक्त रैक (नई ट्रेन) भी मुहैया कराया है, जो खासतौर पर जबलपुर रेल मंडल के स्टेशन, जैसे सतना, कटनी, और मैहर में खड़ा किया जाएगा। इन स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या पर ज्यादा नजर रखी जाएगी, खासकर कटनी स्टेशन पर जहां मुंबई और दक्षिण भारत की ट्रेनों का ठहराव है।
यह नई पहल महाकुंभ के दौरान यात्रियों के लिए सुविधाजनक साबित हो सकती है, क्योंकि इससे अतिरिक्त ट्रेनों के संचालन के बिना भी यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा।