दर्शन व्यवस्था को लेकर अहम बैठक
उज्जैन (Mahakal Temple Darshan): महाकाल ज्योतिर्लिंग मंदिर में नए साल के अवसर पर दर्शन व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए जल्द ही एक बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में होगी, जिसमें दर्शन व्यवस्था और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। मंदिर प्रशासन ने संबंधित विभागों से बैठक के लिए जानकारी मांगी है।
नई उम्मीदों के साथ, 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के महाकाल मंदिर में दर्शन करने का अनुमान है। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन दर्शन व्यवस्था को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए तैयारियां कर रहा है।

बैठक के अहम मुद्दे:
इस बैठक में दर्शन व्यवस्था के अलावा फैसिलिटी मैनेजमेंट और टेंडर जारी करने पर भी निर्णय हो सकता है। भक्तों को कम समय में मंदिर के दर्शन कराए जाने के लिए आवश्यक उपायों पर विचार किया जाएगा। साथ ही, कुछ निजी कंपनियों का अनुबंध कई वर्षों से समाप्त हो चुका है, और नए टेंडर जारी नहीं किए गए हैं, जिन पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है। उदाहरण के लिए, मंदिर में लड्डू बनाने का ठेका कई वर्षों से अनुबंध के आधार पर बढ़ाया जा रहा है।
नई व्यवस्था पर चर्चा:
बैठक में सामान्य दर्शनार्थियों के लिए चार धाम मंदिर के सामने से शक्ति पाथ मार्ग होते हुए महाकाल महलोक से मंदिर में प्रवेश की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा सकता है। वहीं, वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए नीलकंठ द्वार से प्रवेश की योजना है, और वृद्ध व दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए अवंतिका द्वार से दर्शन की व्यवस्था की जाएगी।
शीघ्र दर्शन टिकट पर निर्णय:
31 दिसंबर और 1 जनवरी को 250 रुपये की शीघ्र दर्शन टिकट व्यवस्था को यथावत बनाए रखने पर भी निर्णय हो सकता है। यह व्यवस्था अत्यधिक भीड़ वाले दिनों में स्थगित कर दी जाती है।
नई कंपनी के ठेके पर विचार:
मंदिर समिति फैसिलिटी मैनेजमेंट और आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के लिए नई कंपनी को ठेका देने पर विचार कर रही है। बैठक में टेंडर जारी करने को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है।