उज्जैन के महाकाल मंदिर के अन्न क्षेत्र में हाल ही में हुए हादसे में महिला कर्मचारी रजनी खत्री की मौत के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है। हादसे के दौरान रजनी खत्री की जान जाने के बाद यह सामने आया कि इस अन्न क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को मशीनों का ऑपरेशन करने के लिए किसी भी तरह की औपचारिक ट्रेनिंग नहीं दी गई थी। इसके बजाय, कर्मचारियों ने YouTube वीडियो से मशीन ऑपरेटिंग की जानकारी ली थी।
मशीनों का संचालन और प्रशिक्षण की कमी
महाकाल मंदिर के अन्न क्षेत्र में करोड़ों रुपये की अत्याधुनिक मशीनें इंस्टॉल की गई हैं, लेकिन इन मशीनों का संचालन करने के लिए किसी तरह की ट्रेनी प्रोग्राम या विशेषज्ञ द्वारा प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं की गई थी। कर्मचारियों ने खुद ही इंटरनेट पर वीडियो देख कर मशीन चलाने का तरीका सीखा। यह बात काफी चौंकाने वाली है, क्योंकि ऐसी विशाल और महंगी मशीनों के संचालन में किसी भी प्रकार की गलती, गंभीर हादसों का कारण बन सकती है।
महिला कर्मचारी की दुखद मौत
रजनी खत्री, जो महाकाल अन्न क्षेत्र में काम करती थीं, हादसे के दौरान मशीन में फंसकर गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस घटना के बाद, मंदिर प्रशासन की ओर से मामले की जांच शुरू कर दी गई है और यह स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार का उपयुक्त प्रशिक्षण नहीं दिया गया था।
दुपट्टा पहनने पर रोक
इस हादसे के बाद एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। अब महाकाल अन्न क्षेत्र में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को दुपट्टा पहनने पर रोक लगा दी गई है। यह फैसला कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि किसी भी प्रकार के हादसे से बचा जा सके। विशेषज्ञों के मुताबिक, दुपट्टा पहनने से मशीनों में फंसने का खतरा होता है, जिससे दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है।
समाप्ति में:
महाकाल अन्न क्षेत्र में हुए हादसे के खुलासे से यह स्पष्ट हो गया कि तकनीकी उपकरणों का संचालन करते समय सुरक्षा को प्राथमिकता देना बेहद महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण और सुरक्षा नियमों के बारे में जागरूक करना अनिवार्य है। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए, महाकाल मंदिर प्रशासन को तत्काल सुरक्षा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।