प्रयागराज: महाकुंभ के पहले शाही स्नान (अमृत स्नान) का आयोजन मंगलवार सुबह 6.15 बजे से हुआ। इस अवसर पर संन्यासियों ने तलवारें, त्रिशूल और डमरू थामे, साथ ही शरीर पर भभूत लगाए हुए संगम पहुंचे। घोड़े और रथ की सवारी करते हुए नागा साधु-संतों ने ‘हर-हर महादेव’ के उद्घोष के साथ स्नान की प्रक्रिया शुरू की।

अब तक जूना अखाड़े समेत 7 संन्यासी अखाड़ों के संत स्नान कर चुके हैं, और वैरागी अखाड़ों के संत स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ रहे हैं। संगम क्षेत्र में 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस ऐतिहासिक स्नान का दृश्य देख रहे हैं। श्रद्धालु साधु-संतों का आशीर्वाद लेने के लिए उत्सुक हैं, और कई श्रद्धालु उनके पैर छूने या चरण रज माथे से लगाने के लिए दौड़ते नजर आ रहे हैं।

सरकार के मुताबिक, सुबह 10 बजे तक 1 करोड़ 38 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे, और इस हिसाब से 30 घंटे में करीब 3 करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। तुर्की से आई मुस्लिम महिला पिनार ने भी महाकुंभ में स्नान किया और इसे एक लंबे समय से देखना चाहती थीं।
संगम जाने वाले सभी रास्तों पर श्रद्धालुओं का भारी रेला है, और कई किलोमीटर तक भीड़ फैली हुई है। स्नान के लिए 13 अखाड़ों को अलग-अलग 30-40 मिनट का समय दिया गया है। संगम पर दुनियाभर के मीडिया और 50 से ज्यादा देशों के श्रद्धालु मौजूद हैं।

मेले की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आर्मी को स्टैंडबाई पर रखा गया है और बाहरी इलाकों में आर्मी की गाड़ियां तैनात की गई हैं। सुबह 7 बजे तक 98 लाख 20 हजार लोग स्नान कर चुके थे, और अब तक 1 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों की पूरी टीम इस समय सुरक्षा और निगरानी में लगी हुई है। सभी कंट्रोल रूम्स रेड अलर्ट पर हैं, जिसमें DGP कंट्रोल रूम, होम कंट्रोल, और CM ऑफिस शामिल हैं।