23 C
Indore
Monday, July 7, 2025
spot_img

महाकुंभ 2025 का शुभारंभ: श्रद्धालुओं का अद्वितीय उत्साह और सुरक्षा व्यवस्था

प्रयागराज / इंदौर। महाकुंभ का शुभारंभ पौष पूर्णिमा के दिन हो चुका है, और इसका इंतजार लाखों श्रद्धालुओं को था। पहले दिन ही लगभग 1 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे। इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए 12 किमी के क्षेत्र में स्नान की व्यवस्था की गई है, जिससे किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो। महाकुंभ का यह आयोजन अगले 45 दिन तक जारी रहेगा, और श्रद्धालुओं को इस दौरान कल्पवास का अनुष्ठान भी करना होगा।

महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हुआ, जहाँ लाखों श्रद्धालु संगम स्नान कर रहे हैं। सुरक्षा के लिए 60 हजार जवान तैनात हैं, और श्रद्धालु अपनी यात्रा में पूरी आस्था और श्रद्धा से जुटे हुए हैं।

भीड़ और यातायात व्यवस्था: महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम के सभी रास्तों पर देखी जा रही है। सुरक्षा और व्यवस्थित आवागमन के लिए वाहनों को 12 किमी दूर ही रोक दिया गया है। श्रद्धालु अब पैदल ही संगम तक पहुंच रहे हैं। इस भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की निगरानी में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। 60 हजार जवानों की तैनाती के साथ-साथ कमांडो और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी सुरक्षा में जुटे हुए हैं। पुलिसकर्मी स्पीकर्स के माध्यम से श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन दे रहे हैं ताकि भीड़ को आसानी से नियंत्रित किया जा सके।

विदेशी श्रद्धालुओं का उत्साह: भीषण ठंड के बावजूद विदेशी भक्तों का महाकुंभ में आस्था का जुनून देखने लायक है। एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी महाकुंभ पहुंची हैं और निरंजनी अखाड़े में अनुष्ठान कर कल्पवास की शुरुआत की।

दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन से आई श्रद्धालु निक्की ने कहा कि महाकुंभ की शक्ति बहुत अद्भुत है। “हम यहां गंगा नदी पर आकर बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं,” उन्होंने कहा। इसी तरह, एक रूसी भक्त ने भारत की महानता को महसूस करते हुए कहा, भारत एक महान देश है। यहाँ की वाइब्स मेरे रोंगटे खड़े कर रही हैं।

पहले महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु संगम स्नान किया।
भारत से बाहर के श्रद्धालुओं का अनुभव: जर्मनी में रहने वाले भारत के मूल निवासी जितेश प्रभाकर अपने परिवार के साथ महाकुंभ पहुंचे हैं। उनका कहना है, "मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं विदेश में रहता हूं या भारत में, लेकिन अपनी मिट्टी से जुड़ाव बहुत महत्वपूर्ण है। मैं हर दिन योग का अभ्यास करता हूं और हमेशा जमीन से जुड़े रहना चाहिए।" उनकी पत्नी सास्किया नॉफ भी इस आयोजन के लिए उत्साहित हैं और महाकुंभ में आने को एक अद्वितीय अनुभव मानती हैं।

महाकुंभ 2025 न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर से आए भक्तों के लिए एक विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन बन गया है, जहां श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Articles