इंदौर (सोने की कलम न्यूज): मध्य प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा को लेकर इंदौर हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। बुधवार को कोर्ट ने 12 साल पुरानी स्कूल बसों के संचालन पर रोक लगाने का फैसला सुनाया। यह निर्णय DPS स्कूल बस हादसे के बाद आया, जिसमें कई बच्चों की जान चली गई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वे स्कूल बसों के रजिस्ट्रेशन, संचालन और प्रबंधन के लिए कड़े नियम लागू करें।
12 साल पुरानी स्कूल बसों पर रोक
इंदौर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस फैसले में कहा कि 12 साल से पुरानी स्कूल बसों का संचालन पूरी तरह से बंद किया जाए। कोर्ट ने यह आदेश बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिया है। अब सरकार को स्कूल बसों के संचालन और उनके रख-रखाव को लेकर कड़े दिशा-निर्देशों के तहत काम करना होगा।
DPS बस हादसा: बच्चों की सुरक्षा पर चिंता
DPS स्कूल बस हादसा मध्य प्रदेश में हुए सबसे बड़े स्कूल बस दुर्घटनाओं में से एक था, जिसमें कई मासूमों की जान चली गई थी। इसके बाद से स्कूल बसों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे थे। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया था कि पुरानी और असुरक्षित स्कूल बसों के संचालन पर रोक लगाई जाए। इस पर हाईकोर्ट ने तुरंत कदम उठाया और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि माना।
हाईकोर्ट के निर्देश: शासन को दिए गए कड़े आदेश
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कई कड़े निर्देश जारी किए हैं:
- 12 साल पुरानी बसों पर रोक: 12 साल से पुरानी स्कूल बसों को अब सड़कों पर नहीं चलने दिया जाएगा।
- सुरक्षा मानकों का पालन: स्कूल बसों में सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए, जैसे कि सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस ट्रैकिंग, स्पीड गवर्नर और मेडिकल किट की व्यवस्था।
- बसों की नियमित जांच: सभी स्कूल बसों की नियमित जांच हो, ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी खराबी या सुरक्षा खामी न हो।
- ड्राइवरों की योग्यता: स्कूल बसों के ड्राइवरों को प्रमाणित और प्रशिक्षित किया जाए।
बच्चों की सुरक्षा: प्राथमिकता
हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। यह आदेश प्रदेश भर के स्कूलों और शिक्षा संस्थानों के लिए एक अहम संकेत है कि अब स्कूल बसों के संचालन में सख्ती से नियमों का पालन किया जाएगा।