मुंबई। लॉरेंस गैंग, जो अब एक कॉर्पोरेट कंपनी की तरह संगठित हो चुका है, नए गुर्गों की भर्ती के लिए एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया अपनाता है। जेल से ही गैंग को चलाने वाला लॉरेंस एक सशक्त टीम बनाता है, जो सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो पोस्ट करने वाले युवकों की प्रोफाइल को शॉर्टलिस्ट करती है। इन युवकों का बैकग्राउंड वेरिफाई करने के बाद उनसे संपर्क किया जाता है और फिर भर्ती प्रक्रिया शुरू होती है।
गैंग में भर्ती होने वाले युवकों को आकर्षक सैलरी और इंसेंटिव दिए जाते हैं, साथ ही पकड़े जाने पर उनकी फैमिली को पेंशन की सुविधा भी दी जाती है। इस सख्त और व्यवस्थित भर्ती प्रक्रिया से गैंग में नई जान और ताकत मिलती है, जिससे उनका नेटवर्क और प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है।