पंजाब के किसान फरवरी से शंभू बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अब किसानों ने दिल्ली पैदल जाने का ऐलान किया है, जिस पर पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे, शंभू बॉर्डर से आगे बढ़ने की कोशिश करते हुए किसान संगठन के लगभग 100 सदस्य पुलिस द्वारा रोके गए।

आंसू गैस से किसानों पर दबाव
पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए अब तक आंसू गैस के 11 गोले दागे हैं। इनमें से पहले पांच गोले शुक्रवार को दागे गए, जिससे एक किसान घायल हो गया। घायल किसान को तुरंत एंबुलेंस से नजदीकी अस्पताल भेजा गया। हालांकि, किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और अपनी राजधानी की ओर बढ़ने की जिद पर कायम हैं।

वीडियोग्राफी और पुलिस की अपील
हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की वीडियोग्राफी भी शुरू कर दी है और मौके पर घोषणा की कि यदि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तो पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। साथ ही, किसानों को शांतिपूर्वक लौटने की अपील भी की जा रही है, लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें दिल्ली जाने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
सुरक्षा कड़ी, लोहे की कीलें लगाए गए
पुलिस ने किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर लोहे की कीलें सीमेंट में गड़ाकर स्थापित की हैं, ताकि कोई वाहन या किसान उस रास्ते से आगे न बढ़ सके।
प्रदर्शनकारी किसान अब भी अपनी मांगों के लिए अडिग हैं, और उनकी स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखी जा रही है।
स्थिति पर नजर
किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्वक अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने संघर्ष को और बढ़ा दिया है। फिलहाल, शंभू बॉर्डर पर तनाव बरकरार है और स्थिति किसी भी समय और भी गंभीर हो सकती है।