जम्मू: वैष्णो देवी यात्रा के पहले पड़ाव कटरा में गुरुवार को सन्नाटा छाया रहा, क्योंकि स्थानीय दुकानदारों ने रोपवे प्रोजेक्ट के विरोध में 72 घंटे का बंद का आह्वान किया है। इस बंद के कारण बाजार पूरी तरह से बंद रहे, हालांकि श्रद्धालुओं के लिए होटल खुले हैं और दर्शन के लिए जाने वाले यात्री अपनी यात्रा जारी रखे हुए हैं। वहीं, मंदिर ट्रैक पर भी पिट्ठू और पालकीवाले नहीं दिखाई दिए।

क्या है रोपवे प्रोजेक्ट का विवाद?
विवाद की जड़ में है श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड द्वारा शुरू किया गया केबल कार रोपवे प्रोजेक्ट। यह प्रोजेक्ट यात्रा की सुविधाओं को बढ़ाने और यात्रियों के लिए समय की बचत करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। रोपवे प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद, भक्त ताराकोट से सांझीछत तक सिर्फ 8 मिनट में पहुंच जाएंगे, जिसके बाद उन्हें माता के दरबार तक पहुंचने के लिए केवल दो किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ेगी।
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 350 करोड़ रुपये है और इसे अगले दो वर्षों में पूरा किया जाना है। लेकिन इस प्रोजेक्ट के चलते स्थानीय दुकानदार, घोड़ेवाले, पिट्ठू वाले और पालकीवाले नाराज हैं। उन्हें डर है कि इस रोपवे की वजह से उनके कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि इसके बाद यात्रियों को पैदल यात्रा के बजाय रोपवे से यात्रा करने का विकल्प मिल जाएगा।
स्थानीय दुकानदारों का विरोध और संघर्ष समिति का समर्थन
कटरा संघर्ष समिति ने इस मुद्दे को उठाया और दुकानदारों, घोड़ेवाले, पिट्ठूवाले और पालकीवालों का समर्थन किया है। उनका आरोप है कि इस प्रोजेक्ट के चलते उनके व्यवसायों को भारी नुकसान होगा। कटरा संघर्ष समिति का कहना है कि रोपवे के कारण कटरा के आसपास के पारंपरिक व्यवसाय प्रभावित होंगे, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट आ जाएगा।
पुलिस कार्रवाई और विरोध प्रदर्शन
बुधवार को इस मुद्दे पर कटरा संघर्ष समिति द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया। स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के डर से की गई थी। पुलिस ने कहा कि यदि कार्रवाई नहीं की जाती, तो स्थिति और बिगड़ सकती थी।
इस विरोध के बीच, कटरा में होटल और अन्य यात्री सुविधाएं खुली रही हैं, लेकिन बाजार पूरी तरह से बंद थे। यह बंद 72 घंटे तक चलने का आह्वान किया गया है, और स्थानीय लोग रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर विरोध करते रहेंगे, जब तक उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया जाता।
नतीजा: वैष्णो देवी यात्रा में इस समय एक असामान्य स्थिति पैदा हो गई है, जहां श्रद्धालुओं को दर्शन तो मिल रहे हैं, लेकिन कटरा क्षेत्र में व्यापारी और अन्य सेवा प्रदाता रोपवे प्रोजेक्ट के विरोध में लामबंद हैं। यह स्थिति यात्रा की व्यवस्था और स्थानीय व्यापार के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए एक बड़ा चुनौती बन गई है।