करवा चौथ की महत्वता
महिलाएं हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को अखंड सौभाग्य की कामना के साथ करवा चौथ का व्रत करती हैं। इस साल यह व्रत 20 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा।
विशेष शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस वर्ष करवा चौथ पर केवल एक घंटा 16 मिनट का शुभ मुहूर्त है।
बन रहे हैं पांच शुभ योग
इस बार विशेष शुभ योग बन रहे हैं, जिनका लाभ वृषभ, कन्या और तुला राशियों को विशेष रूप से मिलेगा। इनमें शामिल हैं:
- बुधादित्य योग – सूर्य और बुध दोनों का तुला राशि में होना।
- समसप्तक योग – शुक्र का वृश्चिक राशि में गुरु के साथ होना।
- शश राजयोग – शनि का अपनी राशि कुंभ में रहना।
- गजकेसरी राजयोग – चंद्रमा का वृषभ राशि में गुरु के साथ युति करना।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
- चतुर्थी तिथि: 20 अक्टूबर, सुबह 6:46 बजे से 21 अक्टूबर, सुबह 4:17 बजे तक।
- चंद्रोदय का समय: 20 अक्टूबर को शाम 8:18 बजे।
सरगी खाने का समय
सरगी खाने का सबसे अच्छा समय 3:12 बजे से 4:37 बजे तक है।
करवा चौथ पूजा समय
पूजा का समय: शाम 5:46 बजे से 7:09 बजे तक।
सरगी और पारंपरिक रीति-रिवाज
सरगी की शुरुआत
व्रत की शुरुआत सरगी खाने से होती है, जो सास या घर की बड़ी महिला द्वारा दी जाती है। इसमें कुमकुम, बिंदी, मेहंदी, साड़ी, सिंदूर, बिछिया, सूखे मेवे, मिठाई आदि शामिल होते हैं।
शरद पूर्णिमा का महत्व
16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है, जब चंद्रमा की किरणें औषधीय गुण प्रदान करती हैं। इस दिन खीर बनाकर चांदनी में रखकर चांद की किरणों से अमृत प्राप्त किया जाता है।
निष्कर्ष
इस करवा चौथ पर विशेष शुभ योगों का निर्माण महिलाओं के लिए शुभ संकेत है, जिससे वे अपने पति के स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना कर सकती हैं।