इंदौर/उज्जैन। इंदौर और उज्जैन के बीच मेट्रो सेवा का उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा, जो दोनों शहरों के नागरिकों को एक बेहतरीन और तेज़ यातायात विकल्प प्रदान करेगा। इस परियोजना के अंतर्गत, इंदौर-उज्जैन मेट्रो 47 किलोमीटर के हिस्से में चलेगी, जिसमें कुल 8 स्टेशन बनाए जाएंगे। लवकुश चौराहे से महाकाल लोक तक जाने वाली इस मेट्रो सेवा को हाइब्रिड मोड पर चलाया जाएगा, जो दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन जैसी अत्याधुनिक सुविधा प्रदान करेगा।

इंदौर-उज्जैन मेट्रो परियोजना के प्रमुख तथ्य:
- प्रस्तावित रूट: इंदौर से उज्जैन के महाकाल मंदिर तक
- मेट्रो की गति: 135 किलोमीटर प्रति घंटा (हाइब्रिड मोड)
- कुल दूरी: 47 किलोमीटर
- स्टेशन की संख्या: 8 स्टेशन
- लागत: लगभग 10,000 करोड़ रुपये
मेट्रो सेवा का लाभ:
यह मेट्रो परियोजना इंदौर और उज्जैन के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली यात्रा सेवा प्रदान करेगी। इसके साथ ही सिंहस्थ महापर्व के बाद श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर तक पहुंचने के लिए आसान और तेज़ यातायात विकल्प मिलेगा।

इंदौर-उज्जैन मेट्रो के प्रस्तावित स्टेशन:
- लव कुश चौराहा
- अरबिंदो अस्पताल
- बारोली
- धरमपुरी
- तराना
- सांवेर
- पंथ पिपलाई
- निनौरा
- उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज
- नानाखेड़ा
- महाकाल
महाकाल महालोक तक मेट्रो का मार्ग:
विशेष रूप से उज्जैन के महाकाल महालोक तक मेट्रो का मार्ग तैयार किया जाएगा, जो ओवरहेड मेट्रो के माध्यम से महाकाल मंदिर के पास स्थित तालाब तक विस्तारित होगा। इस कदम से श्रद्धालुओं को महाकाल दर्शन के लिए आसानी से मेट्रो के माध्यम से पहुंचने का अवसर मिलेगा।
मेट्रो का हाइब्रिड मोड:
इंदौर-उज्जैन मेट्रो सेवा में हाइब्रिड मोड का इस्तेमाल किया जाएगा, जो इसे दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के समान तेज़ गति वाली और अत्याधुनिक बनाएगा। इस मोड में मेट्रो की गति 135 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है, जिससे इंदौर और उज्जैन के बीच यात्रा समय कम होगा।
निर्माण कार्य:
मेट्रो मार्ग का निर्माण मौजूदा फोर लेन सड़क पर पिलर खड़े करके किया जाएगा, जिससे मार्ग की सुविधाओं में कोई व्यवधान नहीं आएगा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने इस परियोजना के लिए सर्वेक्षण पूरा किया है, और अब इस पर प्रजेंटेशन तैयार किया जा रहा है। परियोजना की फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट जल्द ही तैयार होगी।
2028 तक होगी शुरुआत:
इंदौर-उज्जैन मेट्रो सेवा का उद्घाटन सिंहस्थ महापर्व के बाद 2028 में होने की उम्मीद है, जब उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन होगा। इसके साथ ही, इंदौर से उज्जैन तक यात्रा करने के लिए वंदे मेट्रो ट्रेन और अन्य परिवहन विकल्प भी उपलब्ध होंगे।