नई दिल्ली: आज सुप्रीम कोर्ट में गुरु ग्रंथ साहिब से जुड़े गुरमीत राम रहीम के मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए रोक को हटा दिया है, जिससे अब राम रहीम के खिलाफ निचली अदालत में ट्रायल शुरू किया जा सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने राम रहीम को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों में जवाब मांगा है। इससे पहले, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मार्च में राम रहीम के खिलाफ बरगाड़ी में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप में तीन मामलों की जांच पर रोक लगा दी थी। इस आदेश को पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
क्या है पूरा मामला?
2015 में फरीदकोट में गुरु ग्रंथ साहिब की एक ‘बीर’ (प्रतिलिपि) चोरी होने की घटना सामने आई, जिसके बाद बेअदबी संबंधी हस्तलिखित पोस्टर और पवित्र ग्रंथ के फटे पन्ने बिखरे हुए मिले थे। इन घटनाओं के बाद फरीदकोट में विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें अक्टूबर 2015 में पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी।
जांच रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बेअदबी की तीन घटनाओं में नामजद किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन घटनाओं का “डेरा सच्चा सौदा से सीधा संबंध है” और आरोपी उसी डेरे के अनुयायी थे।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद, मामला एक नए चरण में प्रवेश कर गया है, जो समाज में धार्मिक भावनाओं के प्रति संवेदनशीलता को और बढ़ा सकता है।