भोपाल, 1 जनवरी 2025: भोपाल के यूनियन कार्बाइड (यूका) फैक्ट्री में 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा, जो लंबे समय से गोदाम में रखा था, अब अंतिम चरण में है। यह कचरा 12 कंटेनरों में लोड हो चुका है और बाकी का काम बुधवार सुबह से पूरा किया जा रहा है। इन कंटेनरों को भोपाल से पीथमपुर तक ले जाने के लिए एक 250 किमी लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाने की योजना है। यह ग्रीन कॉरिडोर रात के समय में ट्रांसपोर्ट किया जाएगा, ताकि इस दौरान यातायात में कोई परेशानी न हो और कचरा सुरक्षित तरीके से स्थानांतरित किया जा सके।
इंदौर में विरोध, लेकिन सुरक्षा प्रमुख चिंता
जहरीला कचरा पीथमपुर में एक सुरक्षित स्थल पर डंप किया जाएगा, जहां इसे नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि, इस कचरे को स्थानांतरित करने के लिए बनाई जा रही ग्रीन कॉरिडोर की योजना का इंदौर में विरोध हो रहा है। विरोध करने वालों का कहना है कि इस जहरीले कचरे का परिवहन पर्यावरण और मानव जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
वहीं, प्रशासन और संबंधित विभागों का कहना है कि सभी सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं, और कचरे को ले जाने के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान फैक्ट्री के अंदर जाने वाले रास्ते भी बंद कर दिए गए हैं और सिर्फ उस टीम को अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है जो इस काम में शामिल है।
क्यों है यह जहरीला कचरा खतरनाक?
इस कचरे में विषैले रसायन शामिल हैं, जो अगर पर्यावरण में फैलते हैं, तो पानी और भूमि को प्रदूषित कर सकते हैं। इससे स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर हो सकता है, खासकर आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए। प्रशासन द्वारा कचरे के सुरक्षित निस्तारण के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं।
आगे की प्रक्रिया में कचरे को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए कई स्टेज होंगे, और इस पूरे काम को अगले कुछ हफ्तों में पूरा किया जाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया को लेकर प्रशासन का कहना है कि यह कदम शहर के पर्यावरण को साफ और सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है।