भोपाल
प्रदेश सरकार ने धान उत्पादक किसानों के लिए एक नई प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। यह राशि प्रति हेक्टेयर दो हजार रुपये होगी, जो किसानों के आधार से लिंक बैंक खातों में एक बड़ा कार्यक्रम कर अंतरित की जाएगी। कृषि विभाग इस योजना के लिए एक प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसमें योजना की अधिकतम सीमा पांच हेक्टेयर तक तय की जा सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के जापान दौरे से लौटने के बाद इस योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

विधानसभा चुनाव में किए गए वादे और सरकार का कदम
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों से 2,700 रुपये में गेहूं और 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा किया था। हालांकि, जब गेहूं का उपार्जन शुरू हुआ और बोनस की घोषणा नहीं हुई, तो कांग्रेस ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। इसके बाद सरकार ने प्रति क्विंटल 125 रुपये बोनस देने का निर्णय लिया। दिसंबर 2024 में सरकार ने बोनस देने के स्थान पर प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया, जो अब दो हजार रुपये प्रति हेक्टेयर होगी।
कृषि विभाग की योजना और लाभार्थी किसान
कृषि विभाग ने योजना का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसमें छोटे, सीमांत और बड़े जोत वाले सभी किसान शामिल होंगे। इसके तहत 38.86 लाख हेक्टेयर में धान की बोवनी की गई थी, और 43 लाख 47 हजार 206 टन धान सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी है।
गेहूं का पंजीयन 31 मार्च तक
राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों का पंजीयन 31 मार्च तक किया जाएगा। अब तक 28,677 किसान पंजीकरण करवा चुके हैं। उपार्जन केंद्रों पर केवल पंजीकृत किसानों से ही उपज खरीदी जाएगी और उनका भुगतान आधार से लिंक बैंक खातों में किया जाएगा। इस बार केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये घोषित किया है, जो पिछले वर्ष से 150 रुपये अधिक है।