कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में स्थित एक हिन्दू मंदिर में हाल ही में हुई हिंसक झड़प को लेकर सिख समुदाय में विरोध और चिंताएँ तेज हो गई हैं। इस मामले में खालिस्तान समर्थकों का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है, जिसके बाद कनाडाई पुलिस ने एक स्थानीय पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया है।
घटना का विवरण
रविवार को ब्रैम्पटन में स्थित एक हिन्दू मंदिर के बाहर प्रदर्शन हुआ, जहां खालिस्तान समर्थक कथित तौर पर शामिल थे। इस प्रदर्शन के दौरान झड़प हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए और मंदिर परिसर में तनाव फैल गया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन में शामिल कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें एक ऑफ-ड्यूटी पुलिस अफसर प्रदर्शन में भाग लेते हुए नजर आ रहा है, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया है।
सिख नेताओं की प्रतिक्रिया
कनाडा में सिख समुदाय के नेताओं ने इस घटना पर अपनी चिंता व्यक्त की है और इसे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखा है। न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह, जिनकी जड़ें पंजाब के बरनाला जिले के ठिकरिवाल गांव से जुड़ी हैं, ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी है। सिंह ने कहा कि यह घटना एक “उत्तेजक कार्रवाई” है और इस तरह के घटनाक्रमों से सिख और हिन्दू समुदाय के बीच तनाव बढ़ सकता है।
उन्होंने इस मुद्दे पर एक साक्षात्कार में कहा, "हम सभी को इस प्रकार की हिंसा का विरोध करना चाहिए। कनाडा में हम सभी धर्मों और समुदायों के बीच शांति और समरसता को बढ़ावा देते हैं।"
पुलिस कार्रवाई और निलंबन
पील पुलिस अधिकारी रिचर्ड चिन ने एक ईमेल के माध्यम से कनाडाई मीडिया आउटलेट ‘सीबीसी न्यूज़’ को बताया कि पुलिस को उस वीडियो के बारे में जानकारी मिली है, जिसमें एक ऑफ-ड्यूटी पुलिसकर्मी प्रदर्शन में भाग लेता हुआ दिख रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उस पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया।
कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियाँ
कनाडा में खालिस्तान समर्थक आंदोलनों की गतिविधियाँ पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी हैं। कई सिख नेता और संगठन स्वतंत्र खालिस्तान के समर्थन में आवाज उठाते रहे हैं, जबकि हिन्दू समुदाय और भारतीय सरकार इसके खिलाफ हैं। इस प्रकार की घटनाएँ अक्सर साम्प्रदायिक तनाव का कारण बन जाती हैं, खासकर कनाडा जैसे विविधतापूर्ण देश में जहां विभिन्न धर्म और समुदाय रहते हैं।
कनाडाई नेताओं का बयान
इस घटना पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और प्रीमियर डगलस फोर्ड ने भी शांति और साम्प्रदायिक सद्भाव की अहमियत को रेखांकित किया है। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा, “कनाडा में किसी भी प्रकार की हिंसा और आतंकवाद की जगह नहीं है। हम इस प्रकार की घटनाओं की जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि न्याय किया जाए।”
निष्कर्ष
ब्रैम्पटन में हुई इस हिंसक झड़प ने कनाडा के हिन्दू और सिख समुदायों के बीच संभावित तनाव को उजागर किया है। हालांकि पुलिस और स्थानीय अधिकारियों द्वारा जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन यह घटना कनाडा में साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए एक चेतावनी है। कनाडा के नेताओं ने भी शांति और सहिष्णुता की आवश्यकता पर जोर दिया है और इस मामले में पूरी जांच करने का वादा किया है।