पटना, बिहार
बिहार में इन दिनों बीपीएससी (Bihar Public Service Commission) को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ते जा रहे हैं। छात्र लंबे समय से पटना के गर्दनीबाग इलाके में धरना दे रहे थे और उनकी मुख्य मांग यह थी कि बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में धांधली हुई है, जिसके कारण उन्हें परीक्षा रद्द करनी चाहिए। इस बीच 25 दिसंबर को छात्र जब बीपीएससी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे, तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
लाठीचार्ज के बाद गरमाई राजनीति
पुलिस द्वारा छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना के बाद राजनीति में भी उबाल आ गया। जहां एक ओर छात्र अपनी मांगों को लेकर विरोध कर रहे थे, वहीं राजनीतिक दलों ने भी इस पर प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं। जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने इस लाठीचार्ज को गलत बताया और कहा कि लोकतंत्र में छात्रों की आवाज उठाना उनका अधिकार है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जो अधिकारी इस लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
तेजस्वी यादव और पप्पू यादव का समर्थन
बीपीएससी छात्रों के समर्थन में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी सामने आए। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर इस विवाद का समाधान निकालने की अपील की थी। उन्होंने मांग की थी कि परीक्षा का पैटर्न बदलकर एक ही दिन, एक शिफ्ट और एक पेपर में परीक्षा ली जाए, ताकि पेपर लीक जैसी घटनाएं न हों। तेजस्वी ने यह भी कहा कि आयोग के सर्वर में खामी के कारण कई छात्र फॉर्म नहीं भर पाए, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया।
वहीं, पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने भी छात्र आंदोलन का समर्थन किया और राज्य सरकार से परीक्षा के पारदर्शी आयोजन की मांग की।
नॉर्मलाइजेशन का विरोध
बीपीएससी के खिलाफ छात्र आंदोलन की एक और बड़ी वजह नॉर्मलाइजेशन है। आयोग ने कुछ छात्रों के प्रदर्शन को लेकर सफाई दी थी, लेकिन छात्रों का यह मानना था कि नॉर्मलाइजेशन के तहत उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हुआ है। छात्रों ने इसे परीक्षा में धांधली मानते हुए विरोध किया है, जो बिहार सरकार और बीपीएससी आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव के बयान
प्रशांत किशोर ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा, “लोकतंत्र में किसी भी प्रकार का लाठीचार्ज दुखद है। जब लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखते हैं, तो सरकार को लाठीचार्ज करने का सहारा नहीं लेना चाहिए।” वहीं, तेजस्वी यादव ने पत्र में कहा कि इस तरह की घटनाएं बिहार की प्रशासनिक विफलता को दर्शाती हैं।
आगे क्या होगा?
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राजनीतिक हलकों में मंथन जारी है। अब देखना यह है कि बीपीएससी के छात्रों के विरोध को लेकर राज्य सरकार क्या कदम उठाती है और इस मामले की जांच किस दिशा में जाती है।