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Friday, April 18, 2025
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पटना में खान सर और रहमान सर का विरोध, छात्रों ने क्यों भगाया ?

पटना:
बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी (BPSC) अभ्यर्थियों द्वारा आयोजित धरने के दौरान कोचिंग संचालक खान सर और रहमान सर पर छात्रों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रों का कहना है कि दोनों शिक्षकों ने उनके आंदोलन को ‘हाईजैक’ कर लिया है और इसे अपनी राजनीतिक मुहिम बना दिया है।

70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि जब खान सर और रहमान सर आंदोलन में शामिल हुए थे, तो उनका उद्देश्य केवल छात्रों के मुद्दे को सरकार के सामने उठाना था। लेकिन अब छात्रों का आरोप है कि इन दोनों कोचिंग संचालकों ने आंदोलन को अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया और इसे राजनीति का हिस्सा बना दिया। कई छात्रों ने तो इन शिक्षकों का विरोध करते हुए यह भी कहा कि वे मंच से उतर जाएं, क्योंकि वे छात्रों के असली मुद्दे से भटक रहे हैं।

छात्रों के साथ प्रशांत किशोर, सरकार को दी चेतावनी!
इधर, बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर धरना दे रहे छात्रों से मिलने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी पहुंचे। उन्होंने छात्रों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि अगर छात्र सड़कों पर उतरेंगे, तो वे उनके साथ खड़े होंगे। प्रशांत किशोर ने इस संघर्ष को छात्रों का अधिकार बताया और कहा कि वह राजनीतिक दल की तरफ से नहीं, बल्कि युवाओं के साथ सरकार द्वारा की गई बर्बरतापूर्ण कार्रवाई का विरोध करने आए हैं।

13 दिसंबर को आयोजित बीपीएससी की परीक्षा में पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह फैलने के बाद, कई छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार किया था। बीपीएससी ने इस अफवाह को नकारते हुए कहा था कि असामाजिक तत्वों ने इसे फैलाया था, और फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था। हालांकि, छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग करते हुए धरना जारी रखा है।

बीपीएससी ने स्पष्ट किया कि अन्य परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी।
इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों का भी समर्थन देखने को मिला है। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। पप्पू यादव ने तो बिहार बंद की घोषणा भी की है, जबकि छात्र लगातार धरने पर बैठे हुए हैं।

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