नई दिल्ली। भारत की विकास यात्रा और पर्यावरण संरक्षण के संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में विचार व्यक्त किए। उन्होंने जनजातीय समुदायों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि भारत का विकास पर्यावरण के संरक्षण से गहराई से जुड़ा है।
‘साइलेंट कन्वर्सेशन: फ्रॉम द मार्जिन्स टू द सेंटर’ नामक जनजातीय कला प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर जयशंकर ने ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की सफलता का उदाहरण दिया, जिसमें जनजातीय समुदायों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा कि यह कला केवल रचनात्मकता नहीं, बल्कि मानवता और प्रकृति के बीच के संबंधों का गहरा संदेश भी देती है।
उन्होंने ‘अंत्योदय’ के दर्शन पर जोर दिया, जिसमें सभी वर्गों के उत्थान का संकल्प है, विशेषकर जनजातीय समुदायों के लिए। जयशंकर ने बताया कि ‘आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम’ जैसे लक्षित नीतियों के माध्यम से जनजातीय युवाओं के लिए अवसरों का सृजन किया जा रहा है।
इस प्रदर्शनी में बाघों की कला और जनजातीय समुदायों के प्रति उनकी भावनाओं को भी दर्शाया गया। जयशंकर ने कहा कि जनजातीय कलाकृतियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करना उनके लिए गर्व का विषय होगा।
यह प्रदर्शनी पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के सिद्धांतों को प्रदर्शित करती है, और इसमें विभिन्न संस्थाओं का सहयोग भी शामिल है।