लखनऊ: ‘तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात’—यह कहावत अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के रिश्ते पर बिल्कुल फिट बैठती है। दोनों एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते, और अब यह सियासी खेल और बढ़ गया है। दोनों नेताओं की नज़र मुस्लिम वोट पर है, जिसे लेकर अखिलेश यादव को लगता है कि ओवैसी के कारण वोट बंटता है। वहीं, ओवैसी हमेशा से आरोप लगाते रहे हैं कि समाजवादी पार्टी में मुसलमान केवल दरी बिछाने का काम करते हैं।

अखिलेश यादव ने हाल ही में महाराष्ट्र का दौरा किया, जहाँ वह उन दो जगहों पर गए जहां पिछली बार AIMIM ने जीत हासिल की थी। उन्होंने मालेगांव सिटी और धुले सेंट्रल पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। AIMIM ने भी यूपी में उपचुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, जबकि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था।
सूत्रों के अनुसार, ओवैसी पहले यूपी में उपचुनाव लड़ने के खिलाफ थे, लेकिन पार्टी ने विधानसभा की दो सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इन सीटों पर समाजवादी पार्टी भी चुनाव में भाग ले रही है।

आखिर ओवैसी ने अचानक यूपी के उपचुनाव में उतरने का फैसला क्यों किया? माना जा रहा है कि यह महाराष्ट्र में अखिलेश के दौरे से जुड़ा हुआ है। अखिलेश का इरादा हर हाल में ओवैसी को इस बार महाराष्ट्र के चुनाव में ज़ीरो पर समेटने का है, जिससे सियासी खेल और दिलचस्प हो गया है।