इंदौर। इंदौर शहर में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और अब डेंगू से मौत के मामले भी सामने आने लगे हैं। बुधवार रात 13 वर्षीय अथर्व मित्तल, जो श्याम नगर का निवासी था, डेंगू के इलाज के दौरान मौत का शिकार हो गया।
अथर्व की डेंगू की पुष्टि एक निजी लैब में की गई थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना नहीं मिली। इससे पहले सितंबर में 15 वर्षीय एक बच्चे की भी डेंगू से मौत हो चुकी है, जो इस वर्ष डेंगू से होने वाली दूसरी मौत है।
अथर्व की मां मीनू ने बताया कि सात दिसंबर को बेटे को गले में दर्द और अन्य लक्षण महसूस हुए थे। पहले उसे एक नजदीकी डॉक्टर को दिखाया और बाद में प्लेटलेट्स कम होने पर अरबिंदो अस्पताल ले जाया गया। पैदल चलते हुए अस्पताल पहुंचे अथर्व का इलाज शुरू हुआ, लेकिन इलाज के दौरान उसके प्लेटलेट्स में और गिरावट आई और यह 13 हजार तक पहुंच गए। इसके बाद उसे डीएनएस अस्पताल रैफर किया गया, जहां उसे वेंटीलेटर पर रखा गया, लेकिन आखिरकार उसकी मौत हो गई।
अथर्व की मां ने कहा कि उनके बेटे की मृत्यु एक बहुत बड़ी त्रासदी है, क्योंकि वह काफी मन्नतों के बाद मांगा गया बच्चा था। अरबिंदो अस्पताल के प्रबंधक राजीव सिंह ने बताया कि बालक को गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था और डेंगू पाजिटिव पाया गया था। स्वजन ने अपनी मर्जी से दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया था।
विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द और शरीर पर चकते आदि शामिल होते हैं। इन लक्षणों के दिखते ही समय पर इलाज करवाना अत्यंत आवश्यक है।